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Sunday, March 29, 2015

पुलिस की दादागिरी

दोस्तों कल के भास्कर अखबार में एक खबर देखी कि एक युवक हेलमेट की बजाय मुंह पर कपडा बांधकर बाईक चला रहा था इसलिए पुलिस वालों ने भागकर उसे पकडा और बाईक की चाबी निकाल ली ताकि वो भाग ना सके और उसको एक चांटा भी मार दिया ।

दोस्तों बीकानेर में अभी तापमान 40 डिग्री के करीब चल रहा है और अगर गर्मी से बचने के लिए कोई युवक अगर चेहरे पर रूमाल या कपडा बांध भी लेता है तो यह कोई गंभीर अपराध नहीं है । जोकि पुलिस इस के लिए उस युवक को सरेराह थप्पड मार सके । वैसे भी पुलिस को सजा देने का अध्िाकार भी नहीं है सजा देने का काम न्यायालय का है । पुलिस का तर्क है कि शहर में हो रही चोरी या अन्य घटनाओं में लिप्त अपराधी चेहरे पर कपडा बांध कर ही वारदात को अंजाम देते हैं इसलिए यह कार्यवाही की जाती है । लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि क्या मुंह पर कपडा बांधने वाले सभी अपराधी ही होते हैं तो फिर मुंह पर कपडा बांधकर स्कूटी या बाईक चलाने वाली लडकियों या महिलाओं पर यह कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है । लडकियों और महिलाओं की त्वचा ही क्या गर्मी से खराब होती है पुरूषों और लडकों की नहीं । 
और क्या सारे अपराधी मुंह पर कपडा बांधकर ही घूमते हैं इसका मतलब जिन्होनें मुंह पर कपडा नहीं बांधा है वो अपराधी नहीं है । 

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के पिताश्री: महर्षि पाणिनि - राजीव दीक्षित

दोस्तों आज भारत स्वाभिमान के राजीव दीक्षित जी का एक लेख आप के साथ शेयर करना चाहता हॅू । मैं भी पढकर हैरान हूँ कि महर्षि पाणिनि  सही में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जनक थे । आप भी पढिए यह लेख
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के पिताश्री: महर्षि पाणिनि -
Ancient Programming By Maharshi Panini

महर्षि पाणिनि के बारे में बताने पूर्व में आज की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग किस प्रकार कार्य करती है इसके बारे में कुछ बताना चाहूँगा

आज की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाएँ जैसे C, C++, Java आदि में प्रोग्रामिंग हाई लेवल लैंग्वेज (high level language) में लिखे जाते है जो अंग्रेजी के सामान ही होती है | इसे कंप्यूटर की गणना सम्बन्धी व्याख्या (theory of computation) जिसमे प्रोग्रामिंग के syntex आदि का वर्णन होता है, के द्वारा लो लेवल लैंग्वेज (low level language) जो विशेष प्रकार का कोड होता है जिसे mnemonic कहा जाता है जैसे जोड़ के लिए ADD, गुना के लिए MUL आदि में परिवर्तित किये जाते है | तथा इस प्रकार प्राप्त कोड को प्रोसेसर द्वारा द्विआधारी भाषा (binary language: 0101) में परिवर्तित कर क्रियान्वित किया जाता है |

इस प्रकार पूरा कंप्यूटर जगत Theory of Computation पर निर्भर करता है |

इसी Computation पर महर्षि पाणिनि (लगभग 500 ई पू) ने एक पूरा ग्रन्थ लिखा था

महर्षि पाणिनि संस्कृत भाषा के सबसे बड़े व्याकरण विज्ञानी थे | इनका जन्म उत्तर पश्चिम भारत के गांधार में हुआ था। कई इतिहासकार इन्हें महर्षि पिंगल का बड़ा भाई मानते है | इनके व्याकरण का नाम अष्टाध्यायी है जिसमें आठ अध्याय और लगभग चार सहस्र सूत्र हैं। संस्कृत भाषा को व्याकरण सम्मत रूप देने में पाणिनि का योगदान अतुलनीय माना जाता है। अष्टाध्यायी मात्र व्याकरण ग्रंथ नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है।
इनके द्वारा भाषा के सन्दर्भ में किये गये महत्त्व पूर्ण कार्य 19वी सदी में प्रकाश में आने लगे |
19वी सदी में यूरोप के एक भाषा विज्ञानी Franz Bopp (14 सितम्बर 1791 – 23 अक्टूबर 1867) ने श्री पाणिनि के कार्यो पर गौर फ़रमाया । उन्हें पाणिनि के लिखे हुए ग्रंथों में तथा संस्कृत व्याकरण में आधुनिक भाषा प्रणाली को और परिपक्व करने के नए मार्ग मिले |

इसके बाद कई संस्कृत के विदेशी चहेतों ने उनके कार्यो में रूचि दिखाई और गहन अध्ययन किया जैसे: Ferdinand de Saussure (1857-1913), Leonard Bloomfield (1887 – 1949) तथा एक हाल ही के भाषा विज्ञानी Frits Staal (1930 – 2012).

तथा इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए 19वि सदी के एक जर्मन विज्ञानी Friedrich Ludwig Gottlob Frege (8 नवम्बर 1848 – 26 जुलाई 1925 ) ने इस क्षेत्र में कई कार्य किये और इन्हें आधुनिक जगत का प्रथम लॉजिक विज्ञानी कहा जाने लगा |

जबकि इनके जन्म से लगभग 2400 वर्ष पूर्व ही श्री पाणिनि इन सब पर एक पूरा ग्रन्थ लिख चुके थे

अपनी ग्रामर की रचना के दोरान पाणिनि ने Auxiliary Symbols (सहायक प्रतीक) प्रयोग में लिए जिसकी सहायता से कई प्रत्ययों का निर्माण किया और फलस्वरूप ये ग्रामर को और सुद्रढ़ बनाने में सहायक हुए |

इसी तकनीक का प्रयोग आधुनिक विज्ञानी Emil Post (फरवरी 11, 1897 – अप्रैल 21, 1954) ने किया और आज की समस्त computer programming languages की नीव रखी |
Iowa State University, अमेरिका ने पाणिनि के नाम पर एक प्रोग्रामिंग भाषा का निर्माण भी किया है जिसका नाम ही पाणिनि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज रखा है: यहाँ देखे - http://www.paninij.org/

एक शताब्दी से भी पहले प्रिसद्ध जर्मन भारतिवद मैक्स मूलर (१८२३-१९००) ने अपने साइंस आफ थाट में कहा -

"मैं निर्भीकतापूर्वक कह सकता हूँ कि अंग्रेज़ी या लैटिन या ग्रीक में ऐसी संकल्पनाएँ नगण्य हैं जिन्हें संस्कृत धातुओं से व्युत्पन्न शब्दों से अभिव्यक्त न किया जा सके । इसके विपरीत मेरा विश्वास है कि 2,50,000 शब्द सम्मिलित माने जाने वाले अंग्रेज़ी शब्दकोश की सम्पूर्ण सम्पदा के स्पष्टीकरण हेतु वांछित धातुओं की संख्या, उचित सीमाओं में न्यूनीकृत पाणिनीय धातुओं से भी कम है ।

अंग्रेज़ी में ऐसा कोई वाक्य नहीं जिसके प्रत्येक शब्द का 800 धातुओं से एवं प्रत्येक विचार का पाणिनि द्वारा प्रदत्त सामग्री के सावधानीपूर्वक वेश्लेषण के बाद अविशष्ट 121 मौलिक संकल्पनाओं से सम्बन्ध निकाला न जा सके ।"

The M L B D News letter ( A monthly of indological bibliography) in April 1993, में महर्षि पाणिनि को first softwear man without hardwear घोषित किया है। जिसका मुख्य शीर्षक था " Sanskrit software for future hardware "
जिसमे बताया गया " प्राकृतिक भाषाओं (प्राकृतिक भाषा केवल संस्कृत ही है बाकि सब की सब मानव रचित है ) को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए अनुकूल बनाने के तीन दशक की कोशिश करने के बाद, वैज्ञानिकों को एहसास हुआ कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में भी हम 2600 साल पहले ही पराजित हो चुके है। हालाँकि उस समय इस तथ्य किस प्रकार और कहाँ उपयोग करते थे यह तो नहीं कह सकते, पर आज भी दुनिया भर में कंप्यूटर वैज्ञानिक मानते है कि आधुनिक समय में संस्कृत व्याकरण सभी कंप्यूटर की समस्याओं को हल करने में सक्षम है।

व्याकरण के इस महनीय ग्रन्थ मे पाणिनि ने विभक्ति-प्रधान संस्कृत भाषा के 4000 सूत्र बहुत ही वैज्ञानिक और तर्कसिद्ध ढंग से संगृहीत हैं।

NASA के वैज्ञानिक Mr.Rick Briggs.ने अमेरिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) और पाणिनी व्याकरण के बीच की शृंखला खोज की। प्राकृतिक भाषाओं को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए अनुकूल बनाना बहुत मुस्किल कार्य था जब तक कि Mr.Rick Briggs. द्वारा संस्कृत के उपयोग की खोज न गयी।
उसके बाद एक प्रोजेक्ट पर कई देशों के साथ करोड़ों डॉलर खर्च किये गये।

महर्षि पाणिनि शिव जी बड़े भक्त थे और उनकी कृपा से उन्हें महेश्वर सूत्र से ज्ञात हुआ जब शिव जी संध्या तांडव के समय उनके डमरू से निकली हुई ध्वनि से उन्होंने संस्कृत में वर्तिका नियम की रचना की थी। तथा इन्होने महादेव की कई स्तुतियों की भी रचना की |

नृत्तावसाने नटराजराजो ननाद ढक्कां नवपञ्चवारम्।
उद्धर्त्तुकामो सनकादिसिद्धानेतद्विमर्शे शिवसूत्रजालम्॥ -माहेश्वर सूत्र

पाणिनीय व्याकरण की महत्ता पर विद्वानों के विचार:

"पाणिनीय व्याकरण मानवीय मष्तिष्क की सबसे बड़ी रचनाओं में से एक है" (लेनिन ग्राड के प्रोफेसर टी. शेरवात्सकी)।

"पाणिनीय व्याकरण की शैली अतिशय-प्रतिभापूर्ण है और इसके नियम अत्यन्त सतर्कता से बनाये गये हैं" (कोल ब्रुक)।

"संसार के व्याकरणों में पाणिनीय व्याकरण सर्वशिरोमणि है... यह मानवीय मष्तिष्क का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अविष्कार है" (सर डब्ल्यू. डब्ल्यू. हण्डर)।

"पाणिनीय व्याकरण उस मानव-मष्तिष्क की प्रतिभा का आश्चर्यतम नमूना है जिसे किसी दूसरे देश ने आज तक सामने नहीं रखा"। (प्रो. मोनियर विलियम्स)

ये है भारतीय हिन्दू सनातन संस्कृति की महानता एवं वैज्ञानिकता (प्रियाजी)

संस्कृत व्याकरण के अध्येता इस प्रोग्रामिंग को जान पाते हैं ... गुरुजनों से मैंने बार बार सुना है की महर्षि पाणिनि के मस्तिष्क की क्षमता दश हजार वैज्ञानिकों के बराबर थी ...जिस किसी को इस क्षमता का अनुभव करना हो या अपनी क्षमता का विकास करना हो उसे पाणिनी को अवश्य पढ़ना चाहिए
साभार- राजीव दीक्षित जी
भारत स्वाभिमान

Thursday, March 26, 2015

कुछ घरेलू इलाज़

    दोस्तों आज मैं आपको कुछ घरेलू इलाज़ के बारे में बता रहा हूँ ।
ब्रेन मलेरिया, टाइफाईड, चिकुनगुनिया, डेंगू,स्वाइन फ्लू, इन्सेफेलाइटिस, माता व अन्य प्रकार के बुखार का इलाज

1. 20 पत्ते तुलसी, नीम की गिलोई का सत् 5gm,सोंठ (सुखी अदरक) 10gm, 10 छोटी पीपर के टुकड़े, सब आपके घर मे आसानी से उपलब्ध हो जाती है। सब एक जगह पर कूटने के बाद एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाना है ठन्डा होने के बाद दिन में सुबह, दोपहर और श्याम तीन बार पीना चाहिए।

2. नीम गिलोई - इसका जूस डेंगू रोग में श्वेत रक्त कणिकाए, प्लेटलेट्स कम होने पर तुरंत बढ़ाने में बहुत ज्यादा काम आता है।

3. एक और अच्छी दवा है, एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हारसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है,बंगला में शिउली कहते है, उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है,और उसमे खुश्बू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के पांच पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पियो तो बीस बीस साल पुराना गठिया का दर्द इससे ठीक हो जाता है । और यही पत्ते को पिस के गरम पानी में डाल के पियो तो बुखार ठीक कर देता है और जो बुखार किसी दवा से ठीक नही होता वो इससे ठीक होता है जैसे चिकनगुनिया का बुखार, डेंगू फीवर, Encephalitis , ब्रेन मलेरिया, ये सभी ठीक होते है ।

इनके प्रयोग से आप रोगी की जान बचा सकते हैं। मात्र इसकी 3 खुराक से लाखों लोगो को बुखार से मरने से बचाया जा सकता है ।

गला और छाती की बीमारी का इलाज :

गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे अछि दावा है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारिओं में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर गले में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी गले में निचे उतर जाएगी लार के साथ ; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने की जरुरत नही । ये छोटे बच्चों को तो जरुर करना; बच्चों के टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देते है न तो हम ऑपरेशन करवाके उनको कटवाते है; वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक होता है ।

गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है जैसे खासी; इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुतंत ठीक हो जाती है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दावा है अदरक,ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और टफी की तरह चुसो खासी तुतंत बंध हो जाएगी । अगर किसीको खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे मिलाना थोड़ा सा गुड या सेहद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंध हो जाएगी । और एक अछि दावा है , अनार का रस गरम करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है । काली मिर्च है गोल मिर्च इसको मुह में रख के चबालो , पीछे से गरम पानी पी लो तो खासी बंध हो जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंध हो जाती है ।

छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा,ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अच्छा दवा है गाय मूत्र; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पिने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार पांच छे महीने पीना पड़ता है । दमा अस्थमा का और एक अछि दावा है दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे चम्मच खाली पेट गुड या सेहद मिलाके गरम पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर देती है ।

पेट की वीमारी का इलाज :

अगर आपकी पेट ख़राब है दस्त हो गया है , बार बार आपको टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो इसकी सबसे अछि दावा है जीरा | अध चम्मच जीरा चबाके खा लो पीछे से गुनगुना पानी पी लो तो दस्त एकदम बंध हो जाते है एक ही खुराख में |

अगर बहुत जादा दस्त हो ... हर दो मिनिट में आपको टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो आधा कप कच्चा दूध ले लो बिना गरम किया हुआ और उसमे निम्बू डालके जल्दी से पी लो | दूध फटने से पहले पीना है और बस एक ही खुराक लेना है बस इतने में ही खतरनाक दस्त ठीक हो जाते है |

और एक अछि दावा है ये जो बेल पत्र के पेड़ पर जो फल होते है उसका गुदा चबाके खा लो पीछे से थोडा पानी पी लो ये भी दस्त ठीक कर देता है | बेल का पाउडर मिलता है बाज़ार में उसका एक चम्मच गुनगुना पानी के साथ पी लो ये भी दस्त ठीक कर देता है |

पेट अगर आपका साफ़ नही रहता कब्जियत रहती है तो इसकी सबसे अछि दावा है अजवाईन | इसको गुड में मिलाके चबाके खाओ और पीछे से गरम पानी पी लो तो पेट तुरंत साफ़ होता है , रात को खा के सो जाओ सुबह उठते ही पेट साफ होगा |

और एक अछि दावा है पेट साफ करने की वो है त्रिफला चूर्ण , रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले लो पानी के साथ पेट साफ हो जायेगा |

पेट जुडी दो तिन ख़राब बिमारिय है जैसे बवासीर,पाईल्स, हेमोरोइड्स, फिसचुला, फिसर .. ये सब बिमारिओ में अछि दावा है मुली का रस | एक कप मुली का रस पियो खाना खाने के बाद दोपहर को या सबेरे पर शाम को मत पीना तो हर तरेह का बवासीर ठीक हो जाता है , भगंदर ठीक होता है फिसचुला,फिसर ठीक होता है .. अनार का रस पियो तो भी ठीक हो जाता है |

बिच्छू काटने पर चिकित्सा : 

बिच्छू काटने पर बहुत दर्द होता है जिसको बिच्छू काटता है उसके सिवा और कोई जान नही सकता कितना भयंकर कष्ट होता है। तो बिच्छू काटने पर एक दावा है उसका नाम है Silicea 200 इसका लिकुइड5 ml घर में रखे । बिच्छू काटने पर इस दावा को जीभ पर एक एक ड्रोप 10-10 मिनट अंतर पर तिन बार देना है । बिच्छू जब काटता है तो उसका जो डंक है न उसको अन्दर छोड़ देता है वोही दर्द करता है । इस डंक को बाहर निकलना आसान काम नही है, डॉक्टर के पास जायेंगे वो काट करेगा चीरा लगायेगा फिर खिंच के निकालेगा उसमे उसमे ब्लीडिंग भी होगी तकलीफ भी होगी । ये मेडिसिन इतनी बेहतरीन मेडिसिन है के आप इसके तिन डोस देंगे 10-10 मिनट पर एक एक बूंद और आप देखेंगे वो डंक अपने आप निकल कर बाहर आ जायेगा। सिर्फ तिन डोस में आधे घन्टे में आप रोगी को ठीक कर सकते है। बहुत जबरदस्त मेडिसिन है ये Silicea 200. और ये मेडिसिन मिट्टी से बनती है,वो नदी कि मिट्टी होती है न जिसमे थोड़ी बालू रहती है उसी से ये मेडिसिन बनती है ।

इस मेडिसिन को और भी बहुत सारी काम में आती है । अगर आप सिलाई मशीन में काम करती है तो कभी कभी सुई चुव जाती है और अन्दर टूट जाती है उस समय भी आप ये मेडिसिन ले लीजिये ये सुई को भी बाहर निकाल देगा। आप इस मेडिसिन को और भी कई केसेस में व्यवहार कर सकते है जैसे कांटा लग गया हो, कांच घुस गया हो, ततैया ने काट लिया हो, मधुमखी ने काट लिया हो ये सब जो काटने वाले अन्दर जो छोड़ देते है वो सब के लिए आप इसको ले सकते है । बहुत तेज दर्द निवारक है और जो कुछ अन्दर छुटा हुआ है उसको बाहर निकलने की मेडिसिन है ।

बहुत सस्ता मेडिसिन है 5 ml सिर्फ 10 रूपए की आती है इससे आप कम से कम 50 से 100 लोगों का भला कर सकते है ।

सुगर की चिकित्सा और सावधानिया

आजकल मधुमेह की बीमारी आम बीमारी है। डाईबेटिस भारत मे 5 करोड़ 70 लाख लोगोंकों है और3 करोड़ लोगों को हो जाएगी अगले कुछ सालों मे सरकार ये कह रही है । हर दो मिनट मे एक मौत हो रही है डाईबेटिस से और complication Complications तो बहुत हो रहे है... किसी की किडनी ख़राब हो रही है, किसीका लीवर ख़राब हो रहा है किसीको ब्रेन हेमारेज हो रहा है, किसीको पैरालाईसीस हो रहा है, किसीको ब्रेन स्ट्रोक आ रहा है,किसीको कार्डियक अरेस्ट हो रहा है, किसी को हार्ट अटैक आ रहा है Complications बहुत है खतरनाक है ।

जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती है। इसका मतलब है वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीजें खाता है (चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इन्सुलिन नहीं बना पाता इसलिये वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधा निकलता है। इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं। जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं, उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती है। मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है,कब्ज की शिकायत रहने लगती है। अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रेागी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्म/घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।

तो ऐसी स्थिति मे हम क्या करें ? राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है के आप इन्सुलिन पर जादा निर्भर न करे क्योंकि यह इन्सुलिन डाईबेटिस से भी जादा खतरनाक है, साइड इफेक्ट्स बहुत है ।

इस बीमारी के घरेलू उपचार निम्न लिखित हैं।

आयुर्वेद की एक दावा है जो आप घर मे भी बना सकते है –

1. 100 ग्राम मेथी का दाना

2. 100 ग्राम तेजपत्ता

3. 150 ग्राम जामुन की बीज

4. 250 ग्राम बेल के पत्ते

इन सबको धुप मे सुखा कर पत्थर मे पिस कर पाउडर बना कर आपस मे मिला ले, यही औषधि है ।

औषधि लेने की पद्धति : सुबह नास्ता करने से एक घंटे पहले एक चम्मच गरम पानी के साथ ले फिर शाम को खाना खाने से एक घंटे पहले ले । तो सुबह शाम एक एक चम्मच पाउडर खाना खाने से पहले गरम पानी के साथ आपको लेना है । 45-60 दिन अगर आप ये दावा ले लिया तो आपकी डाईबेटिस बिलकुल ठीक हो जाएगी ।

ये औषधि बनाने मे 20 से 25 रूपया खर्च आएगा और ये औषधि तीन महिना तक चलेगी और उतने दिनों मे आपकी सुगर ठीक हो जाएगी ।

सावधानी :

1. सुगर के रोगी ऐसी चीजे जादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे जादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायेट कम हो और फाइबर वाली जादा हो रेशेदार चीजे जादा खाए। सब्जिया मे बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज जादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।

2. चीनी कभी ना खाए, डाईबेटिस की बीमारी को ठीक होने मे चीनी सबसे बड़ी रुकावट है । लेकिन आप गुड़ खा सकते है ।

3. दूध और दूध से बनी कोई भी चीज नही खाना ।

4. प्रेशर कुकर और अलुमिनम के बर्तन मे खाना न बनाए ।

5. रात का खाना सूर्यास्त के पूर्व करना होगा ।

जो डाईबेटिस आनुवंशिक होतें है वो कभी पूरी ठीक नही होता सिर्फ कण्ट्रोल होता है उनको ये दावा पूरी जिन्दगी खानी पड़ेगी पर जिनको आनुवंशिक नही है उनका पूरा ठीक होता है ।
दोस्तों ये घरेलु नुस्खे है लेकिन किसी अच्छे वैद्य से सलाह जरूर ले लेवे इस्तेमाल से पहले ।

Wednesday, March 25, 2015

एंड्रॉइड 5.1 लॉलीपॉप लान्च हुआ

दोस्तों कुछ दिन पहले मैंने amzon.in से एक Micromax का Canvas-A1 खरीदा था ।

इस मोबाईल की यह खासियत थी कि इसमें गूगल का Latest Android Version अपने आप Update होगा । आज भास्कर की साईट पर इसके बारे में पढा तो सोचा आप लोगों के साथ भी यह जानकारी शेयर कर लूं ।

   Micromax or google ने अपना वादा पूरा किया, उन्होंने अपने पहले स्मार्टफोन में लोल्लिपोप 5.1 OS को फ्री updates करने का ऑफिसियल वेबसाइट पर नोटिस दे दिया है, http://www.micromaxinfo.com/mobiles/smartphones/canvas/Canvas-A1-AQ4501/L1-UPDATE

लॉन्च हुआ एंड्रॉइड 5.1 OS, यूजर्स के लिए आए नए हाई-टेक फीचर्स

 एंड्रॉइड यूजर्स के लिए अच्छी खबर ये है कि गूगल ने लेटेस्ट एंड्रॉइड वर्जन 5.0 लॉलीपॉप को नए फीचर्स के साथ अपडेट कर दिया है। इस अपडेट वर्जन में 'स्टेबिलिटी' और 'परफॉर्मेंस' दोनों पर ध्यान दिया गया है। ये ऐसे फीचर्स हैं जिनके बारे में आप जरूर जानना चाहेंगे।

क्रैपी वाई-फाई नहीं

किसी पब्लिक प्लेस जैसे एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल पर जब हम वाई-फाई सिग्नल से इंटरनेट कनेक्ट करने की कोशिश करते थे, तो वो किसी बुरे सपने की तरह होता था। आपको हमेशा लगता था कि सिग्नल मिल रहे हैं, लेकिन फ्री वाई-फाई नेटवर्क काम नहीं करता था। ऐसे में एंड्रॉइड 5.1 में इस समस्या का समाधान कर लिया गया है। अब, आप जहां पूअर नेटवर्क आ रहे हैं इंटरनेट कनेक्ट करेंगे, आपका स्मार्टफोन इस कनेक्शन के बारे में बताएगा। साथ ही, भविष्य में ऑटो-कनेक्ट नहीं करने के लिए कहेगा। ये फीचर छोटा, लेकिन बहुत काम का है।

साइलेंट मोड रिटर्न्स

गूगल ने शानदार फीचर्स और डिजाइन अपडेट के साथ एंड्रॉइड में साइलेंट मोड का उपयोग किया है। इसका मतलब ये है कि आप जब साइलेंट मोड को एक्टिव कर देंगे तब आपकी LED अलग-अलग लाइट के जरिए आपको इनफॉर्म करेगी। इतना ही नहीं, इस दौरान ये किसी तरह का साउंड नहीं करेगी। गूगल इस अपडेट फीचर्स के साथ पुरानी सुविधा वापस लेकर आया है। ऐसे में आप अपने दोस्तों और फेमिली मेंबर्स को अनदेखा नहीं कर सकते। लॉन्च हुआ एंड्रॉइड 5.1 OS, यूजर्स के लिए आए नए हाई-टेक फीचर्स

स्मार्ट नॉटिफिकेशन

एंड्रॉइड 5.0 में स्मार्ट नोटिफिकेशन दिया गया है। इस फीचर्स से अपने सभी नोटिफिकेशन को जब तक चाहें बंद रख सकते हैं। इसके लिए 'Until Next Alarm' का ऑप्शन बनाया गया है। जिसकी मदद से यूजर्स को सोने के दौरान भी किसी तरह का डिस्टर्ब नहीं होगा। जब आपका ये अलार्म बज जाएगा इसके बाद ऑटोमेटिक सभी नोटिफिकेशन शुरू हो जाएंगे।

इसमें तीन मोड दिए गए हैं। नोबडी, प्रॉयोरिटी और ऑल। इन मोड्स में आप सेट कर सकते हैं कि किस व्यक्ति का नोटिफिकेशन चाहिए और किस व्यक्ति के नोटिफिकेशन से आप डिसटर्ब हो जाएंगे। ये फीचर यूजर्स के द्वारा निर्धारित किए गए टाइम से सेट होगा। आराम के दौरान या किसी जरूरी मीटिंग में कोई डिस्टर्ब ना करे ये जरूरी होगा। लॉन्च हुआ एंड्रॉइड 5.1 OS, यूजर्स के लिए आए नए हाई-

सेफ ब्राउसिंग

इसमें अनवांटेड वाई-फाई नेटवर्क से बचने की सुविधा है। गूगल VPN सर्विस पर भी काम करता है, जो सेफ नेटवर्क का काम करती है। हालांकि, इस बात पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। दूसरी तरफ, पॉकेटेबल के लिए बनाए गए ऐप्स में 'गूगल कनेक्शन सर्विस' की सुविधा दी गई है। ऐप को लेकर कहा गया है, "ये आपके ओपन वाई-फाई को सुरक्षित रखता है। आपका डाटा गूगल VPN के जरिए सिक्योर रहता है।" गूगल ने इस सेवा को नेक्सस 6 को ध्यान में रखकर बनाया है।

चोरी से प्रोटेक्ट

गूगल ने एंटी-थीफ गेम को भी अपडेट किया है। खासकर, नेक्सस 6 और नेक्सस 9 की तुलना में। एंड्रॉइड टू एंड्रॉइड पुलिस नाम का नया एंटी-थीफ फीचर डाला गया है। इससे किसी चोर के लिए आपका प्राइमरी अकाउंट हटाना मुश्किल हो जाएगा। आसान शब्दों में कहें तो इस फीचर के कारण यूजर्स का फोन और ज्यादा सेफ हो जाएगा।

है ना शानदार फीचर । अब मैं अपने Canvas A-1 को Android के Lollipop Version पर अपडेट कर सकूंगा ।  

Tuesday, March 24, 2015

बच्चों की रखवाली के लिए ईकवच

दोस्तों आज मैं आपको एक बहुत ही अच्छी मोबाईल एप के बारे में बताना चाहता हूं । इस ऐप का नाम है ईकवच । जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि ये एक प्रकार के कवच की तरह काम करता है । इस एप की खासियत यह है कि इसके द्वारा आप अपने घर के अन्य सदस्यों के जैसे कि बेटे या बेटी या पत्नी के मोबाईल के द्वारा किए जा रहे इंटरनेट और एप्लीकेश्न के इस्तेमाल के बारे में जान सकते हैं और साथ ही अगर आप चाहे तो कुछ एप्स और साइटों पर रोक भी लगा सकते हैं । इसके अलावा इस एप के द्वारा आप उनके मोबाईल इस्तेमाल करने के समय को भी अपने परिवार के टाइम टेबल के अनुसार तय कर सकते हैं । जैसे कि आप का परिवार सुबह कितने बजे उठता है यानि अगर आप का परिवार सुबह 8 बजे उठता है तो उससे पहले आपका बच्चा मोबाइल में किसी प्रकार का एप नहीं चला पाएगा इसके साथ ही दोपहर व रात के खाने का समय देने पर उस समय भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा । इससे यह फायदा होता है कि आपका बच्चा खाने के समय गेम नहीं खेल पाएगा और वह खाने पर पूरा ध्यान दे पाएगा । इसके अलावा अगर आप रात को 10 बजे सो जाते हैं तो आपका बच्चा 10 बजे के बाद मोबाइल का  इस्तेमाल नहीं कर पाएगा । इस एप के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं ।

Monday, March 23, 2015

दिल की बिमारी का सच

दौस्तों दिल की बिमारी के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी पढी । तो सोचा आप सब के साथ भी शेयर कर लूं । फिलहाल लिखने का ज्यादा अनुभव नहीं है इसलिए जानकारियों को ही शेयर कर रहा हूं ।


ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं। आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे। अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं ! लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ। इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं। यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है। इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है। डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ। Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन। यह कभी किसी का सफल नहीं होता। क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है। कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है। इसके बाद फिर आता है दूसरा heart attack ( हार्ट अटैक ) डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ। आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं। अब पढ़िए उसका आयुर्वेदिक इलाज। ... अदरक (ginger juice) - यह खून को पतला करता है। यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता हें। लहसुन (garlic juice) - इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है। वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है। नींबू (lemon juice) - इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं। एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) - इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं। इन देशी दवाओं को इस तरह उपयोग में लेवें :- एक कप नींबू का रस लें; एक कप अदरक का रस लें; एक कप लहसुन का रस लें; एक कप एप्पल का सिरका लें; चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें; उसमें 3 कप शहद मिला लें रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।

जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं ।

ब्लॉग के बारे में

दोस्तोें मैं इस ब्लॉग में कुछ ऐसे किस्से या लेख भी प्रकाश्िात करूंगा जोकि आजकल whatsapp पर खूब चल रहे हैं क्योंकि बहुत से लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है और बहुत से लोग whatsapp का इस्तेमाल नहीं करते और बहुत से लोग ग्रुप को भी join नंही करते और बहुत ही अच्छे मेसेज से अछूते रह जाते हैं । मैं यह भी बताना चाहता हूं कि इन मेसेज को बनाने वाले का पता नहीं चल पाने के कारण credit दिया जाना असंभव है इसलिए यदि आपको यह लगे कि मैंने किसी को credit नहीं दिया है तो यह सिर्फ इस कारण से है कि मुझे इस मेसेज को बनाने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है । ये मेसेज एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में चलते रहते हैं और पता नहीं इन मेसेज को बनाता कौन है । लेकिन जानकारी अच्छी हो तो उसे शेयर करना चाहिए यही सोचकर मैं इन जानकारियों को आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूं । आशा है आपको मेरा प्रयास पंसद आएगा । साथ ही मैं यह भी बताना चाहता हूं कि बहुत से ऐसे ब्लॉगर है जो कि बहुत ही अच्छी जानकारियां अपने ब्लॉक पर देते हैं मैं उन ब्लॉग से कुछ जानकारियों को भी आप तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा लेकिन उन के साथ उनका नाम व ब्लॉग का पता भी दिया जाएगा । 

शहीद दिवस की वो शाम

23 मार्च क़ो शहिद दिवस के दिन बहुत ही अच्छा मैसेज पढ़ा तो सोचा शेयर कर लू !

23 मार्च का दिन उन आम दिनों की तरह ही शुरू हुआ जब सुबह के समय राजनीतिक बंदियों को उनके बैरक से बाहर निकाला जाता था। आम तौर पर वे दिन भर बाहर रहते थे और सूरज ढलने के बाद वापस अपने बैरकों में चले जाते थे। लेकिन आज वार्डन चरत सिंह शाम करीब चार बजे ही सभी कैदियों को अंदर जाने को कह रहा था। सभी हैरान थे, आज इतनी जल्दी क्यों। पहले तो वार्डन की डांट के बावजूद सूर्यास्त के काफी देर बाद तक वे बाहर रहते थे। लेकिन आज वह आवाज काफी कठोर और दृढ़ थी। उन्होंने यह नहीं बताया कि क्यों? बस इतना कहा, ऊपर से ऑर्डर है। चरत सिंह द्वारा क्रांतिकारियों के प्रति नरमी और माता-पिता की तरह देखभाल उन्हें दिल तक छू गई थी। वे सभी उसकी इज्जत करते थे। इसलिए बिना किसी बहस के सभी आम दिनों से चार घंटे पहले ही अपने-अपने बैरकों में चले गए। लेकिन सभी कौतूहल से सलाखों के पीछे से झांक रहे थे। तभी उन्होंने देखा बरकत नाई एक के बाद कोठरियों में जा रहा था और बता रहा था कि आज भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा। हमेशा की तरह मुस्कुराने वाला बरकत आज काफी उदास था। सभी कैदी खामोश थे, कोई कुछ भी बात नहीं कर पा रहा था। सभी अपनी कोठरियों के बाहर से जाते रास्ते की ओर देख रहे थे। वे उम्मीद कर रहे थे कि शायद इसी रास्ते से भगत सिंह और उनके साथी गुजरेंगे। फांसी के दो घंटे पहले भगत सिंह के वकील मेहता को उनसे मिलने की इजाजत मिल गई। उन्होंने अपने मुवक्किल की आखिरी इच्छा जानने की दरखास्त की थी और उसे मान लिया गया। भगत सिंह अपनी कोठरी में ऐसे आगे-पीछे घूम रहे थे जैसे कि पिंजरे में कोई शेर घूम रहा हो। उन्होंने मेहता का मुस्कुराहट के साथ स्वागत किया और उनसे पूछा कि क्या वे उनके लिए 'दि रेवोल्यूशनरी लेनिन' नाम की किताब लाए हैं। भगत सिंह ने मेहता से इस किताब को लाने का अनुरोध किया था। जब मेहता ने उन्हें किताब दी, वे बहुत खुश हुए और तुरंत पढ़ना शुरू कर दिया, जैसे कि उन्हें मालूम था कि उनके पास वक्त ज्यादा नहीं है। मेहता ने उनसे पूछा कि क्या वे देश को कोई संदेश देना चाहेंगे, अपनी निगाहें किताब से बिना हटाए भगत सिंह ने कहा, मेरे दो नारे उन तक पहुंचाएं..इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद। मेहता ने भगत सिंह से पूछा आज तुम कैसे हो? उन्होंने कहा, हमेशा की तरह खुश हूं। मेहता ने फिर पूछा, तुम्हें किसी चीज की इच्छा है? भगत सिंह ने कहा, हां मैं दुबारा इस देश में पैदा होना चाहता हूं ताकि इसकी सेवा कर सकूं । भगत ने कहा, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस ने जो रुचि उनके मुकदमे में दिखाई उसके लिए दोनों का धन्यवाद करें । मेहता के जाने के तुरंत बाद अधिकारियों ने भगत सिंह और उनके साथियों को बताया कि उन्हें फांसी का समय 11 घंटा घटाकर कल सुबह छह बजे की बजाए आज साम सात बजे कर दिया गया है। भगत सिंह ने मुश्किल से किताब के कुछ पन्ने ही पढ़े थे। उन्होंने कहा, क्या आप मुझे एक अध्याय पढ़ने का भी वक्त नहीं देंगे? बदले में अधिकारी ने उनसे फांसी के तख्ते की तरफ चलने को कहा। एक-एक करके तीनों का वजन किया गया। फिर वे नहाए और कपड़े पहने। वार्डन चतर सिंह ने भगत सिंह के कान में कहा, वाहे गुरु से प्रार्थना कर ले। वे हंसे और कहा, मैंने पूरी जिंदगी में भगवान को कभी याद नहीं किया, बल्कि दुखों और गरीबों की वजह से कोसा जरूर हूं। अगर अब मैं उनसे माफी मांगूगा तो वे कहेंगे कि यह डरपोक है जो माफी चाहता है क्योंकि इसका अंत करीब आ गया है। तीनों के हाथ बंधे थे और वे संतरियों के पीछे एक-दूसरे से ठिठोली करते हुए सूली की तरफ बढ़ रहे थे। उन्होंने फिर गाना शुरू कर दिया-'कभी वो दिन भी आएगा कि जब आजाद हम होंगे, ये अपनी ही जमीं होगी ये अपना आसमां होगा। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का बाकी यही नाम-ओ-निशां होगा।' जेल की घड़ी में साढ़े छह बज रहे थे। कैदियों ने थोड़ी दूरी पर, भारी जूतों की आवाज और जाने-पहचाने गीत, 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' की आवाज सुनी। उन्होंने एक और गीत गाना शुरू कर दिया, 'माई रंग दे मेरा बसंती चोला' और इसके बाद वहां 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान आजाद हो' के नारे लगने लगे। सभी कैदी भी जोर-जोर से नारे लगाने लगे। तीनों को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया। भगत सिंह बीच में थे। तीनों से आखिरी इच्छा पूछी गई तो भगत सिंह ने कहा वे आखिरी बार दोनों साथियों से गले लगना चाहते हैं और ऐसा ही हुआ। फिर तीनों ने रस्सी को चूमा और अपने गले में खुद पहन लिए। फिर उनके हाथ-पैर बांध दिए गए। जल्लाद ने ठीक शाम 7:33 बजे रस्सी खींच दी और उनके पैरों के नीचे से तख्ती हटा दी गई। उनके दुर्बल शरीर काफी देर तक सूली पर लटकते रहे फिर उन्हें नीचे उतारा और जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सब कुछ शांत हो चुका था। फांसी के बाद चरत सिंह वार्ड की तरफ आया और फूट-फूट कर रोने लगा। उसने अपनी तीस साल की नौकरी में बहुत सी फांसियां देखी थीं, लेकिन किसी को भी हंसते-मुस्कराते सूली पर चढ़ते नहीं देखा था, जैसा कि उन तीनों ने किया था ।

Saturday, March 21, 2015

साधारण युवक

एक गाँव में कुछ दूर पर नदी बहती थी जहाँ से गाँव वाले पीने का पानी ले जाया करते थे . इसी तरह तीन महिलाएं घर की जरुरत के लिए पानी भर कर ला रही थी. तीनों ने आपस में बातचीत प्रारम्भ की.

पहली महिला ने कहा-" मेरा पुत्र बहुत बड़ा विद्वान् है, आज तक कोई भी उसे शास्त्रार्थ में नही हरा सका है"

दूसरी महिला भी कहाँ पीछे रही बोली -" हाँ , बहन!, मेरा पुत्र भी बहुत चतुर है, व्यवसाय में उसका कोई सानी नही, उसके व्यवसाय सँभालने के बाद व्यापार में बहुत प्रगति हुई है. "
तीसरी महिला चुप ही रही .

" क्यों बहन , तुम अपने पुत्र के बारे में कुछ नही कह रही ,उसकी योग्यता के बारे में भी तो हमें कुछ बताओ " दोनों महिलाओं ने उससे कहा.

सकुचाते हुए तीसरी महिला ने कहा-" क्या कहूँ बहन , मेरा पुत्र बहुत ही साधारण युवक है, अपनी शिक्षा के अलावा घर के काम काज में अपने पिता का हाथ बटाता है, कभी कभी जंगल से लकडिया भी बीन कर लाता है"
अभी वे थोड़ी दूर ही चली थी की दोनों महिलाओं के विद्वान् और चतुर पुत्र साथ जाते हुए रास्ते में मिल गए. दोनों महिलाओं ने गदगद होते हुए अपने पुत्र का परिचय कराया, बहुत विनम्रता से उन्होंने तीनो माताओं को प्रणाम किया और अपनी राह चले गए.

उन्होंने कुछ दूरी ही तय की ही थी कि अचानक तीसरी महिला का पुत्र वहां आ पहुँचा, पास आने पर बहुत संकोच के साथ उस महिला ने अपने पुत्र का परिचय दिया ,उस युवक ने सभी को विनम्रता से प्रणाम किया और बोला-
" आप सभी माताएं इस तपती दुपहरी में इतनी दूरी तय कर आयी है लाईये , कुछ बोझ मैं भी बटा दू".
और उन महिलाओं के मना करते रहने के बावजूद उन सबसे एक एक पानी का घड़ा ले कर अपने सिर पर रख लिया.

अब दोनों माताएं शर्मिंदा थी." दोनों ने बोला , तुम तो कहती थी तुम्हारा पुत्र साधारण है. हमारे विद्वान् पुत्र तो हमारे भार को अनदेखा कर चले गए मगर तुम्हारे पुत्र से तो न सिर्फ़ तुम्हारा अपितु हमारा भार भी अपने कन्धों पर ले लिया बहन , तुम धन्य हो , तुम्हारा पुत्र तो अद्वितीय व असाधारण है सपूत की माता कहलाने की सच्ची अधिकारिणी तो सिर्फ़ तुम ही हो."

साधारण में भी असाधारण मनुष्यों का दर्शन लाभ हमें यत्र तत्र होता ही है हम अपने जीवन में कितने सफल हैं सिर्फ़ यही मायने नही रखता. हमारा जीवन दूसरों के लिए कितना मायने रखता है.यह अधिक महत्वपूर्ण है

जिंदगी का कड़वा सच

एक भिखारी था| वह न ठीक से खाता था, न पीता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था| उसकी एक-एक हड्डी गिनी जा सकती थी| उसकी आंखों की ज्योति चली गई थी| उसे कोढ़ हो गया था| बेचारा रास्ते के एक ओर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए भीख मांगा करता था| एक युवक उस रास्ते से रोज निकलता था| भिखारी को देखकर उसे बड़ा बुरा लगता| उसका मन बहुत ही दुखी होता| वह सोचता, वह क्यों भीख मांगता है? जीने से उसे मोह क्यों है? भगवान उसे उठा क्यों नहीं लेते? एक दिन उससे न रहा गया| वह भिखारी के पास गया और बोला - "बाबा, तुम्हारी ऐसी हालत हो गई है फिर भी तुम जीना चाहते हो? तुम भीख मांगते हो, पर ईश्वर से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि वह तुम्हें अपने पास बुला ले?" भिखारी ने मुंह खोला - "भैया तुम जो कह रहे हो, वही बात मेरे मन में भी उठती है| मैं भगवान से बराबर प्रार्थना करता हूं, पर वह मेरी सुनता ही नहीं| शायद वह चाहता है कि मैं इस धरती पर रहूं, जिससे दुनिया के लोग मुझे देखें और समझें कि एक दिन मैं भी उनकी ही तरह था, लेकिन वह दिन भी आ सकता है, जबकि वे मेरी तरह हो सकते हैं| इसलिए किसी को घमंड नहीं करना चाहिए|" लड़का भिखारी की ओर देखता रह गया| उसने जो कहा था, उसमें कितनी बड़ी सच्चाई समाई हुई थी| यह जिंदगी का एक कड़वा सच था, जिसे मानने वाले प्रभु की सीख भी मानते हैं|

नवसम्वत्सर 2072

नवसम्वत्सर 2072 में पूर्व विक्रम सम्वत 2071 में राजा रहे चंद्रमा के पास इस बार तीन पद रहेंगे जो जल संसाधन से संबंधित नीतियों में सुधार के कारक बनेंगे। इस बार संयोग से ग्रह मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण के साथ-साथ जल संसाधन मंत्री भी चंद्रमा ही होंगे। इसलिए नए सम्वत में सरकार की जल नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन होगा। वहीं, जल भण्डारण एवं जल स्त्रोतों का पुनर्रोद्धार होगा।

नवसम्वत्सर 2072 चैत्र कृष्ण अमावस्या 20 मार्च को अपराह्न 3.07 बजे कर्क लगन में शुरू होगा। वैसे चांद्र सम्वत्सर की शुरूआत 21 मार्च को नवरात्र स्थापना के साथ होगी। इस सम्वत के राजा शनि व मंत्री मंगल होंगे। नवसम्वत्सर अधिक मास होने से इस बार 13 माह का होगा। इस सम्वत में दो आषाढ़ रहेंगे। कर्क लग्न के कारक ग्रह मंगल हैं और संयोग से वह मंत्री भी होंगे। ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच ने बताया कि कर्क लग्न में भाग्य स्थान में चतुग्रही योग से नवसम्वत्सर व्यापारिक उन्नति के साथ-साथ जनता में खुशहाली देने वाला भी होगा। 

यह सम्वत प्रदेश के लिए सुख-समृद्धि की सौगात लेकर आएगा। समयानुकूल श्रेष्ठ बारिश के योग से फल, सब्जी व अनाज का अच्छा उत्पादन होगा। पर्यटन व प्रोपर्टी व्यवसाय बढ़ेगा, साथ ही विदेशी कंपनियों के निवेश से लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। सरकार की शिक्षा नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन से रोजगारोन्मुख शिक्षा के प्रति छात्रों का रूझान बढ़ेगा। कर्क लग्न में ही चंद्र व गुरू का राशि परिवर्तन योग देश की उन्नति के साथ-साथ प्रदेश में भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में सहयोग करेगा। वहीं, धार्मिक उन्माद पर अंकुश लगेगा और सात्विक प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलेगा। 

किलक नाम से होगा नवसम्वत्सर

वर्ष का नाम किलक होने से यह सम्वत प्रजा के साथ-साथ शासकों में भी विरोध वाला रहेगा। राजनेताओं में प्रतिस्पर्द्धा का वातावरण बनेगा। वर्षा की श्रेष्ठता से धान्य आदि की पैदावार बढ़ेगी, जिससे लोगों में सुख-समृद्धि का विस्तार होगा। अधिक मास आषाढ़ होने से वर्षा समयानुकूल होने पर भी खण्डवृष्टि का योग बन रहा है। अधिक मास 17 जून से 16 जुलाई तक रहेगा। इन तीस दिनों के दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। इस दौरान कथा व दान-पुण्य का विशेष महत्व रहेगा। 

अच्छा होगा उत्पादन

ज्योतिर्विद डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस बार रोहिणी का वास समुद्र में होने से अच्छी वर्षा के संकेत हैं। समय का वास माली के घर होने से धान्य, घास, फल, फूल व सब्जियों का उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही कीमतों पर अंकुश लगेगा। वाहन महिष बना होने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी व सरकार व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी। चार स्तम्भों में अन्न स्तम्भ 32 प्रतिशत है, इसलिए अन्न की प्रचुरता रहेगी। वहीं वायु स्तम्भ शून्य प्रतिशत होने से तेज गति से वायु चलने का अभाव रहेगा। इस बार आर्द्रा प्रवेश लग्न वृश्चिक होने से वायु प्रदूषण के साथ गर्मी का जोर रहेगा। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में ओलावृष्टि के साथ-साथ अच्छी बारिश होगी।

यह होगा आकाशीय मंत्रिमंडल

ज्योतिर्विद शशि प्रकाश शर्मा ने बताया कि नवसम्वत्सर के आकाशीय मंत्रिमंडल में राजा शनि होंगे, वहीं मंगल को मंत्री पद मिला है। शेष अन्य ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी।

राजा (संरक्षक) - शनि
मंत्री (प्रधानमंत्री) - मंगल
अग्रधान्य अधिपो (खाद्य मंत्री) - गुरू
पश्चाद्ध अन्याधिपो (कृषि मंत्री) - बुध
मेघेश (जल संसाधन मंत्री) - चंद्रमा
रसेश (डेयरी एवं पशुपालन मंत्री) - शनि
नीरशेष (खनिज मंत्री) - गुरू
फलेश (वन व पर्यावरण मंत्री) - चंद्रमा
धनेश (वित्त मंत्री) - गुरू
दुर्गेश (गृहमंत्री) - चंद्रमा

श्रीः
श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्य_माभिधाच्छोभमानं महीयते ।
धान्यं धनं पशुं बहु पुत्रलाभम् शतसम्वतसरं दीर्घमायुः ।।
हमारा नव वर्ष,नव जीवन व नवचेतना का त्योहार
राष्ट्र की गोरवशाली परम्परा धोतक विक्रम संवत 
विश्व का प्राचीनतम् संवत्सर 
मंगलमय हो नव वर्ष का प्रतिपल मंगलमय हो
नयी कामना नयी भावना नयी चेतना मय हो
धर्म की घर घर जले मशाल, जय गोविंन्दम जय गोपाल ।

नवीन वर्ष का त्योहार संसार के प्राचीनतम उत्सवो मे से एक है आमतौर पर वसंत ऋतु के आगमन और चैत्र नवरात्रि मा भगवती की आराधना नव वर्ष का प्रारंभ माना जाता है,
क्योकी वसंत नव अंकुरण का समय है,जव प्रकृति का कोना कोना फलो फुलो से भर जाता है,जिस तारीख को दिन और रात की अपनी बराबर होती है,इस पवित्र दिन सुर्य अपना प्रकाश समान रूप से पूरी धरती पर फैलाना है
इस दिन सत्य का सुर्य सनातन धर्म के क्षितिज पर उगता है,और अपनी किरणे चारो और बिखेरता है।
ऋतु परिवर्तन को संवतसर कहते है,भारतीय जनता के आ ये दिन के व्यवहार में विकोमल संवत ही लोकप्रिय वना हुआ है ,यह ईस्वी सन''BC या ग्रेगेरियन केलेंडर से 57 वर्ष पुराना है ।
हमारे सभी पर्व और त्योहार विक्रम संमत के आधार पर ही मनाये जाते है, जन्म पत्रिया भी इसी के आधार पर बनायी जाती है।
卐ॐ卐
विश्व के सब से प्राचिन और महान धर्म तथा संस्कृति हिंदू धर्म व संस्कृति की एक अमुल्य नीली है विक्रम संमत जो अनेक परम्पराओ व स्मृतियो की लडियो में जुड़ा हुआ है।प्राचिन काल से लेकर आज तक इस भारत भूमी पर जीतने भी महान कार्य प्रारंभ हुए वे सब आज ही के दिन हुए है।यह विश्व का पहला संवत्सर हैं तथा पुरी पृथ्वी का संवत्सर है,जो भारतीय संस्कृति से जुड़ा है,जो हमे हमारे पुराने स्वर्णिम काल से जोड़ देता है,
इस की श्रेष्ठता व से आध्यामता की अलोकीकता खील उठती है ,जो सब देशो और धर्मो को एक सुत्र में माला बना सकती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव वर्ष एकम कहते है
महाराष्ट्र मे इसे गुडीपाडवा कहते है और आंध्र मे उगादी ( युगादि ) तेलगु नव वर्ष कहते है ।चारो युगों के प्रारंभ तिथि होने के कारण इसे युगादि कहते है।।इस वर्ष 21 मार्च 2015 शनिवार को सुर्योदय के समय से नव वर्ष विक्रम संवत 2072 का प्रारंभ होगा 2015-16 वसंत में आनेवाले मन में आशा व सृजनशीलता का संचार करते है।सृष्टि को हरितिमा व सुंदर सुगंध प्रदान करते है।।हम भगवान की आराधना करते हैं की हमारा नव वर्ष शुभ और आनंदमय् हो।।जय श्री कृष्णा
ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र मासि जगत्- ब्रह्मा स्तसृजं प्रथमे डःहनि  ब्रह्मपुराण यथा चैत्रमास के प्रथम दिन ब्रह्म्जी ने श्रष्टि की रचना की।संवतसरो का पहला दिन ।यह विश्व का प्राचिनतम व पहला संवत्सर है।
इस दिन प्रारंभ होती है नवरात्रो का महापर्व,घटस्थापना दिवस ।।प्रभु श्री रामचंद्रजी व सम्राट युधिष्टर का राज्याभिषेक दिवस।महाराजा विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत का शुभारंभ । सरकार व आयकर विभाग का वित्तिय वर्ष इसी पर आधारित हैं ।इस दिन सम्पूर्ण पृथ्वी पर जलवायु सम रहती है।और सत्य का सूर्य सनातन धर्म के क्षितिज पर उगता है,और अपनी किरणें चतुर्दिक बिखेरता है
(श्रीराम)