दोस्तों कल के भास्कर अखबार में एक खबर देखी कि एक युवक हेलमेट की बजाय मुंह पर कपडा बांधकर बाईक चला रहा था इसलिए पुलिस वालों ने भागकर उसे पकडा और बाईक की चाबी निकाल ली ताकि वो भाग ना सके और उसको एक चांटा भी मार दिया ।
दोस्तों बीकानेर में अभी तापमान 40 डिग्री के करीब चल रहा है और अगर गर्मी से बचने के लिए कोई युवक अगर चेहरे पर रूमाल या कपडा बांध भी लेता है तो यह कोई गंभीर अपराध नहीं है । जोकि पुलिस इस के लिए उस युवक को सरेराह थप्पड मार सके । वैसे भी पुलिस को सजा देने का अध्िाकार भी नहीं है सजा देने का काम न्यायालय का है । पुलिस का तर्क है कि शहर में हो रही चोरी या अन्य घटनाओं में लिप्त अपराधी चेहरे पर कपडा बांध कर ही वारदात को अंजाम देते हैं इसलिए यह कार्यवाही की जाती है । लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि क्या मुंह पर कपडा बांधने वाले सभी अपराधी ही होते हैं तो फिर मुंह पर कपडा बांधकर स्कूटी या बाईक चलाने वाली लडकियों या महिलाओं पर यह कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है । लडकियों और महिलाओं की त्वचा ही क्या गर्मी से खराब होती है पुरूषों और लडकों की नहीं ।
और क्या सारे अपराधी मुंह पर कपडा बांधकर ही घूमते हैं इसका मतलब जिन्होनें मुंह पर कपडा नहीं बांधा है वो अपराधी नहीं है ।
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